यह कार्यक्रम आगरिया जनजाति की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, पारंपरिक ज्ञान और विशिष्ट लौह-कला (“लौह प्रगलाक”) को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से संचालित किया जाता है। आगरिया समुदाय सदियों से प्राकृतिक लौह-धातु निष्कर्षण और पारंपरिक लोहे के औज़ार निर्माण में अपनी अनोखी तकनीक के लिए प्रसिद्ध रहा है।
हमारे प्रयासों में शामिल हैं:
पारंपरिक लौह-कला, लोककला, रीति-रिवाज़ और सांस्कृतिक प्रथाओं का दस्तावेज़ीकरण
युवा पीढ़ी को इस ज्ञान से जोड़ने के लिए कार्यशालाएँ और प्रशिक्षण
जनजातीय कलाकारों को पहचान, बाज़ार और मंच उपलब्ध कराना
सांस्कृतिक उत्सवों और प्रदर्शनी के माध्यम से समुदाय की विरासत को बढ़ावा देना
इस कार्यक्रम के माध्यम से हम आगरिया जनजाति की पहचान, सम्मान और सांस्कृतिक निरंतरता को सुरक्षित रखने के लिए कार्यरत हैं।